Dr. Syama Prasad Mookerjee Research Foundation

Salient points of PM Modi Address in the Parliament (Rajya Sabha)

  • हमारी सरकार ने पिछले पांच वर्षों में शासन में नए विचारों और नए दृष्टिकोण को लाई है।
  • 2014 से पहले केवल 59 ग्राम पंचायतों में ब्रॉडबैंड कनेक्‍टीविटी थी लेकिन पिछले 5 वर्षों में 1.25 लाख से अधिक पंचायतों में ब्रॉडबैंड कनेक्‍टीविटी प्रदान की गई है।
  • 2014 में देश में 80 हजार कॉमन सर्विस सेंटर थे, लेकिन आज उनकी संख्या बढ़कर 3 लाख 65 हजार से अधिक हो गई है। 12 लाख से अधिक ग्रामीण युवा इन केंद्रों में सरकार की सभी सेवाओं की ऑनलाइन डिलीवरी सुनिश्चित कर रहे हैं।
  • भीम ऐप को विश्व स्तर पर एक सुरक्षित डिजिटल लेनदेन मंच के रूप में मान्यता दी जा रही है। जनवरी के महीने में भीम ऐप पर 2 लाख 16 हजार करोड़ रुपये से अधिक का रिकॉर्ड लेनदेन हुआ। रूपे कार्ड कई देशों में स्वीकृति मिल रही है।
  • हमारी सरकार के दृष्टिकोण का एक और उदाहरण जल जीवन मिशन है। यह मिशन, जिसका उद्देश्य हर घर में पाइपलाइन के जरिये जलापूर्ति करना है, स्थानीय शासन के मॉडल का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
  • भले ही केंद्र सरकार ने यह मिशन शुरू किया है, लेकिन इसका प्रबंधन ग्रामीण स्तर पर होगा। ग्राम समितियां इसे लागू करेंगी, धन का प्रबंधन करेंगी और पाइपलाइन बिछाने, टैंकों के निर्माण आदि से संबंधित निर्णय लेंगी।
  • केंद्र सरकार, राज्य सरकार और जिला प्रशासन देश के 100 से अधिक आकांक्षापूर्ण जिलों के विकास के लिए तालमेल से काम कर रहे हैं।
  • सरकार इन आकांक्षापूर्ण जिलों में गरीबों, आदिवासियों के विकास के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।
  • पिछले 5 वर्षों में देश के सभी आदिवासी सेनानियों को सम्मानित करने का काम किया गया है। पूरे देश में संग्रहालय बनाए जा रहे हैं, शोध संस्थान स्थापित किए जा रहे हैं और आदिवासी कला और साहित्य का डिजिटलीकरण किया जा रहा है।
  • आदिवासी क्षेत्रों के प्रतिभाशाली बच्चों के लिए गुणवत्‍तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय स्थापित किए गए हैं।
  • सरकार ने महिला सशक्तिकरण के लिए अनेक कदम उठाए हैं। देश के इतिहास में पहली बार, सैनिक स्कूलों में बेटियों के प्रवेश को मंजूरी दी गई है। सेना पुलिस में महिलाओं की नियुक्ति का काम भी चल रहा है।
  • देश में महिलाओं की सुरक्षा के लिए 600 से अधिक वन-स्टॉप केन्‍द्र बनाए गए हैं। देश के प्रत्येक स्कूल में कक्षा छठी से बारहवीं तक की लड़कियों को आत्मरक्षा प्रशिक्षण दिया जा रहा है।