Dr. Syama Prasad Mookerjee Research Foundation

PM’s address at the Launch of ‘Transparent Taxation- Honoring the Honest’

देश में चल रहा Structural Reforms का सिलसिला आज एक नए पड़ाव पर पहुंचा है। Transparent Taxation – Honouring The Honest, 21वीं सदी के टैक्स सिस्टम की इस नई व्यवस्था का आज लोकार्पण किया गया है।

इस प्लेटफॉर्म में Faceless Assessment, Faceless Appeal और Taxpayers Charter जैसे बड़े रिफॉर्म्स हैं। Faceless Assessment और Taxpayers Charter आज से लागू हो गए हैं। जबकि Faceless appeal की सुविधा 25 सितंबर यानि दीन दयाल उपाध्याय जी के जन्मदिन से पूरे देशभर में नागरिकों के लिए उपलब्ध हो जाएगी।

अब टैक्स सिस्टम भले ही Faceless हो रहा है, लेकिन टैक्सपेयर को ये Fairness और Fearlessness का विश्वास देने वाला है। मैं सभी टैक्सपेयर्स को इसके लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं और इन्‍कम टैक्स विभाग के सभी अधिकारियों, कर्मचारियों को भी बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

साथियों, बीते 6 वर्षों में हमारा फोकस रहा है, Banking the Unbanked Securing the Unsecured और, Funding the Unfunded. आज एक तरह से एक नई यात्रा शुरू हो रही है। Honoring the Honest- ईमानदार का सम्मान।

देश का ईमानदार टैक्सपेयर राष्ट्रनिर्माण में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। जब देश के ईमानदार टैक्सपेयर का जीवन आसान बनता है, वो आगे बढ़ता है, तो देश का भी विकास होता है, देश भी आगे बढ़ता है।

साथियों, आज से शुरू हो रहीं नई व्यवस्थाएं, नई सुविधाएं, Minimum Government, Maximum Governance के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को और मजबूत करती हैं। ये देशवासियों के जीवन से सरकार को, सरकार के दखल को कम करने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है।

साथियों, आज हर नियम-कानून को, हर पॉलिसी को Process और Power Centric अप्रोच से बाहर निकालकर उसको People Centric और Public Friendly बनाने पर बल दिया जा रहा है।

ये नए भारत के नए गवर्नेंस मॉडल का प्रयोग है और इसके सुखद परिणाम भी देश को मिल रहे हैं। आज हर किसी को ये एहसास हुआ है कि शॉर्ट-कट्स ठीक नहीं है, गलत तौर-तरीके अपनाना सही नहीं है।

वो दौर अब पीछे चला गया है। अब देश में माहौल बनता जा रहा है कि कर्तव्य भाव को सर्वोपरि रखते हुए ही सारे काम करें।

सवाल ये कि बदलाव आखिर कैसे आ रहा है? क्या ये सिर्फ सख्ती से आया है? क्या ये सिर्फ सज़ा देने से आया है? नहीं, बिल्कुल नहीं। इसके चार बड़े कारण हैं।

पहला, पॉलिसी ड्रिवेन गवर्नेंस। जब पॉलिसी स्पष्ट होती है तो Grey Areas Minimum हो जाते हैं और इस कारण व्यापार में, बिजनेस में डिस्क्रीशन की गुंजाशन कम हो जाती है।

दूसरा- सामान्य जन की ईमानदारी पर विश्वास। तीसरा, सरकारी सिस्टम में ह्यूमेन इंटरफेस को सीमित करके टेक्नॉलॉजी का बड़े स्तर पर उपयोग। आज सरकारी खरीद हो, सरकारी टेंडर हो या सरकारी सेवाओं की डिलिवरी, सब जगह Technological Interface सर्विस दे रहे हैं।

और चौथा, हमारी जो सरकारी मशीनरी है, जो ब्यूरोक्रेसी है, उसमें efficiency, Integrity और Sensitivity के गुणों को Reward किया जा रहा है, पुरस्कृत किया जा रहा है।