Dr. Syama Prasad Mookerjee Research Foundation

महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध मोदी सरकार

महिलाएं वह आधारशिला हैं जिसके बिना किसी भी मजबूत परिवार, समाज और देश की परिकल्पना ही नहीं की जा सकती। इतिहास गवाह है कि, महिलाओं ने लगभग सभी क्षेत्रों में अपना परचम लहराया है। हम सब जानते हैं कि आज महिलाएं वह सब काम कर चुकी हैं जिसकी हमने कभी कल्पना भी नहीं की थी।

क्या हमने कभी सोचा था कि एक महिला पूरा देश चला सकती है; क्या कभी हमने सोचा था कि महिलाएं हवाई जहाज उड़ा सकती हैं; पर महिलाओं ने इन कार्यों को संभव कर दिखाया है। नारी शक्ति ने कानूनी दांवपेच, राजनीति, खेलकूद, समाज सेवा, शिक्षा, कला, विज्ञान या सेना इन सभी क्षेत्रों में अपनी जिम्मेदारियों का भली-भांति निर्वहन किया है।

महिलाएं सब कुछ करने के लिए सक्षम है बशर्ते कि समाज एवं सरकार उन्हें आगे बढ़ाने में उनका साथ दें। भारत में वर्तमान केंद्र सरकार इस दिशा में लगातार काम कर रही है। गौर करें तो बीते कुछ वर्षों से केन्द्र सरकार की तरफ से महिलाओं के हित में अनेक ऐसे कदम उठाए गए हैं, जिससे वे अपनी प्रगति का स्वर्णिम इतिहास रच सकें।

भारत की राजनीति में आजादी के बाद संसद में महिलाओं की भागीदारी बहुत ही कम थी लेकिन सोलहवीं लोक सभा यानी 2014 के बाद हम देखते हैं कि इसमें महिलाओं के प्रतिनिधित्व में 11% तक बढ़ोतरी देखने को मिलती है वहीं 2019  यानी सत्रहवीं  लोकसभा में महिला सांसदों की अब तक की सर्वाधिक भागीदारी के साथ ही नई लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या कुल सदस्य संख्या का 17% हो गई है।

पिछले 70 सालों में यह भागीदारी सबसे अधिक है। साथ ही, इस सरकार में महिलाएं विदेश मंत्री, रक्षा मंत्री और वित्त मंत्री आदि जैसे बड़े-बड़े पदों पर आसीन हुई हैं जो हमारे देश के लिए गौरव का विषय है क्योंकि राजनीति में महिलाओं को इतने बड़े-बड़े पदों पर आसीन देखना कम ही संभव हुआ है। इसके साथ ही, सरकार द्वारा महिलाओं को सबल और सशक्त बनाने के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं  भी लाई गयी हैं।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना–

इस योजना का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी 2015 को शुभारंभ किया था। बेटियों को सभी क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना तथा  उनका उज्ज्वल भविष्य बनाने के लिए उन्हें उच्च शिक्षा प्रदान करना, लैंगिक भेदभाव को दूर करना, शोषण से बचाना तथा सामाजिक एवं वित्तीय रूप से स्वायत्तता प्रदान करना इस योजना का मुख्य लक्ष्य है।

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना-

1 मई 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिलाओं के लिए इस योजना को प्रारंभ किया था। इसकी शुरुआत “स्वच्छ ईंधन बेहतर जीवन” के नारे के साथ हुई। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्र में गरीबी रेखा के नीचे रहने वाली महिलाओं को एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराना है इस योजना को लागू करने से वनों की कटाई एवं प्रदूषण को कम करने में भी सहायता प्राप्त होगी तथा महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी विकार में भी लाभ प्राप्त होगा। इसके तहत अबतक आठ करोड़ से अधिक मुफ्त गैस कनेक्शन वितरित किए जा चुके हैं।

सुकन्या समृद्धि योजना

इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी 2015 में किया था। ऐसे माता-पिता जो अपनी बेटी को पढ़ाने और उसकी शादी के लिए पैसे इकट्ठा करना चाहते हैं वह इस योजना का लाभ ले सकते हैं। इस योजना के अंतर्गत बैंक में खाता खुलवाने के लिए कम से कम राशि 250 तथा अधिकतम राशि ₹100000 है। इस योजना में माता-पिता को अपनी बेटी का खाता किसी राष्ट्रीय बैंक या पोस्ट ऑफिस में खुलवाना होता है। इस खाते को बेटी के जन्म से 10 वर्ष के बीच खुलवा सकते हैं तथा माता-पिता को बेटी के 14 वर्ष की उम्र होने तक राशि जमा करनी होती है और 18 वर्ष होने के पश्चात इस राशि का 50% भाग निकाल सकते हैं और 21 वर्ष होने के पश्चात इस पूरी राशि को निकाल सकते हैं।

फ्री सिलाई मशीन योजना

इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश की गरीब और शहरी दोनों क्षेत्रों की उन महिलाओं को सहायता प्रदान करना है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं। उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए केंद्र सरकार के द्वारा इस योजना के माध्यम से सभी राज्यों की 50000  महिलाओं को फ्री सिलाई मशीन उपलब्ध कराई जाती है जिससे वे अपने हुनर और मेहनत से  अपने परिवार का पालन पोषण कर सकती हैं।

समर्थ योजना

यह योजना भी केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही योजना है जो महिलाओं को अलग-अलग प्रकार के वस्त्र निर्माण और उनके कार्यों के बारे में सिखाया जाता है तथा इसमें 75 फ़ीसदी महिलाएं कार्य कर रही हैं। इस योजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को वस्त्र उद्योग में आगे बढ़ाना है क्योंकि भविष्य में वस्त्र उद्योग में वस्तुओं के निर्माण के लिए कामगारों की बहुत ज्यादा आवश्यकता पड़ने वाली है, इसलिए इस योजना का मुख्य फोकस महिला कामगारों पर ही है।

 

सुरक्षित मातृत्व आश्वासन सुमन योजना –

यह योजना गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं को सुरक्षा प्रदान करने के लिए बनाई गई है। इसके द्वारा गर्भवती महिलाओं को प्रसव के दौरान अस्पताल एवं प्रशिक्षित नर्स उपलब्ध कराई जाती है। साथ ही, इस योजना के तहत गर्भवती महिला (प्रसव के 6 महीने पश्चात तक) और नवजात शिशु को निशुल्क स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने की भी व्यवस्था की गई है।

उपर्युक्त योजनाओं के आलोक में स्पष्ट है कि मोदी सरकार महिलाओं के समग्र विकास के लिए हर तरह से प्रयास करती दिखाई दे रही है। केंद्र सरकार इन योजनाओं के द्वारा महिला को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रयास कर रही है।

केन्द्र सरकार की ओर से चलाई जाने वाली नारी शक्ति पुरस्कार के अंतर्गत महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करते हुए एक सर्टिफिकेट भी दिया जाता है जो प्रत्येक साल 8 मार्च को राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया जाता है।

इसके अलावा देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में भी हम बीते वर्षों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ते हुए देख सकते हैं। पिछले कुछ वर्षों जैसे 2021 में, 119 में से 29 महिलाएं और 2022 में 128 में से 34 महिलाएं पद्म पुरस्कारों से सम्मानित की गई हैं जो संभवतः आजादी के बाद से अब तक महिलाओं की इस पुरस्कार में सबसे ज्यादा संख्या होगी।

इस प्रकार के सम्मानों से महिलाओं में कुछ कर गुजरने का जज्बा पैदा होता है और पुरस्कार के रूप में जो राशि प्राप्त होती है वो उनको आर्थिक मजबूती प्रदान करती है। कुल मिलाकर कह सकते हैं कि केंद्र सरकार महिलाओं को सबल और सशक्त बनाने के सार्वभौमिक रूप से प्रतिबद्ध है।

(लेखिका डीआरडीओ में कार्यरत रह चुकी हैं। वर्तमान में स्वतंत्र लेखन एवं अनुवाद में सक्रिय हैं। प्रस्तुत विचार उनके निजी हैं।)