Dr. Syama Prasad Mookerjee Research Foundation

वाणिज्यिक खनन के लिए कोयला खानों की नीलामी के शुभारंभ के अवसर पर प्रधानमंत्री का सम्‍बोधन

  • धन्‍यवाद प्रहलाद जी, सबको नमस्‍कार।
  • देश और विदेश में इस इवेंट में हिस्‍सा ले रहे सभी साथियों का बहुत-बहुत स्‍वागत है। इतने Challenging Time में इस तरह के इवेंट का होना, आप सभी का उसमें शामिल होना, अपने आप में एक बहुत बड़ी आशा जगाता है, विश्‍वास का बहुत बड़ा संदेश ले करके आता है।
  • भारत कोरोना से लड़ेगा भी और आगे जीतेगा भी, आगे बढ़ेगा भी। भारत इस बड़ी आपदा को, आपदा समझ करके रोते-बैठने के पक्ष का नहीं है। भारत आपदा कितनी ही बड़ी क्‍यों न हो, उसको अवसर में बदलने के लिए कृतसंकल्‍प है और हम सब मिल करके आपदा को अवसर में बदलेंगे। कोरोना के इस संकट ने भारत को आत्मनिर्भर भारत- Self Reliant होने का सबक भी दिया है।
  • आत्मनिर्भर भारत यानि भारत Import पर अपनी निर्भरता कम करेगा। आत्मनिर्भर भारत यानि भारत Import पर खर्च होने वाली लाखों करोड़ रुपए की विदेशी मुद्रा बचाएगा और देश के गरीबों के कल्‍याण के लिए काम में लाएगा। आत्मनिर्भर भारत यानि भारत को Import न करना पड़े, इसके लिए वो अपने ही देश में साधन और संसाधन विकसित करने की दिशा में लगातार प्रयास करेगा, आगे बढ़ेगा। आप पर मेरा जो भरोसा है उसके लिए कह रहा हूं, कि आज हम जो Import करते हैं, कल को उसी के सबसे बड़े Exporter बनेंगे।
  • साथियो, इस लक्ष्‍य को प्राप्‍त करने के लिए ये बहुत आवश्‍यक है कि हम एक-एक सेक्‍टर को पकड़कर, एक-एक प्रॉडक्‍ट को पकड़कर, एक-एक सर्विस का ध्‍यान करते हुए Holistic तरीके से काम करें। एक-एक क्षेत्र को चुन करके उस क्षेत्र में भारत को आत्‍मनिर्भर बनाएं। आज का ये Event इसी सोच को साकार करने की दिशा में एक महत्‍वपूर्ण initiative है, एक मजबूत कदम है।
  • आज Energy Sector में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए, Self Reliant बनाने के लिए एक बहुत बड़ा कदम उठाया जा रहा है। ये कार्यक्रम सिर्फ Coal Mining से जुड़े, एक सेक्‍टर से जुड़े reforms को जमीन पर उतारने का ही है, ऐसा नहीं है बल्कि ये 130 करोड़ Aspirations को Realize करने का कमिटमेंट है। ये हमारे युवा साथियों के लिए रोजगार के लाखों अवसर तैयार करने की शुरुआत है।
  • साथियों, Self Reliance के संकल्प को सिद्ध करने के लिए जब पिछले महीने आत्मनिर्भर भारत अभियान की घोषणा हुई थी, तो कई लोगों को लगता था कि ये सामान्य सरकारी प्रक्रिया है। लेकिन महीने भर के भीतर ही, हर घोषणा,हर रिफॉर्म्स, चाहे वो Agriculture Sector में हो, चाहे MSMEs के सेक्टर में हो या फिर अब Coal और Mining के Sector में हो, हर क्षेत्र में एक साथ अनेक प्रकार के कदम उठाए जा रहे हैं, निर्णय किए जा रहे हैं, और निर्णयों को तेजी से जमीन पर उतारने के लिए हर कोई कोशिश कर रहा है।
  • ये दिखाता है कि भारत इस Crisis को Opportunity में बदलने के लिए कितना गंभीर है, कितना Committed है। आज हम सिर्फ Commercial Coal Mining के लिएAuction ही Launch नहीं कर रहे हैं, बल्कि Coal Sector को दशकों के लॉकडाउन से भी बाहर निकाल रहे हैं। कोल सेक्टर के लॉकडाउन का क्या प्रभाव रहा है.