Dr. Syama Prasad Mookerjee Research Foundation

Salient Points of PM’s speech at the dedication of the ‘Statue of Unity’ to the Nation in Kevadiya, Gujarat

We are all delighted to be here, on the banks of the Narmada.

Today we mark EktaDiwas.

Several people across India are taking part in the ‘Run for Unity’

Today is a day that will be remembered in the history of India.

No Indian will ever forget this day

In order to build the #StatueOfUnity, lakhs of farmers from all over India came together, gave their tools, portions of the soil and thus, a mass movement developed

सरदार साहब का सामर्थ्य तब भारत के काम आया था जब मां भारती साढ़े पांच सौ से ज्यादा रियासतों में बंटी थी।

दुनिया में भारत के भविष्य के प्रति घोर निराशा थी।

निराशावादियों को लगता था कि भारत अपनी विविधताओं की वजह से ही बिखर जाएगा

सरदार पटेल में कौटिल्य की कूटनीति और शिवाजी के शौर्य का समावेश था

उन्होंने 5 जुलाई, 1947 को रियासतों को संबोधित करते हुए कहा था कि-

“विदेशी आक्रांताओं के सामने हमारे आपसी झगड़े, आपसी दुश्मनी, वैर का भाव, हमारी हार की बड़ी वजह थी।अब हमें इस गलती को नहीं दोहराना है और नही दोबारा किसी का गुलाम होना है”

सरदार साहब के इसी संवाद से, एकीकरण की शक्ति को समझते हुए उन्होंने अपने राज्यों का विलय कर दिया।देखते ही देखते, भारत एक हो गया

जिस कमज़ोरी पर दुनिया हमें उस समय ताने दे रही थी, उसी को ताकत बनाते हुए सरदार पटेल ने देश को रास्ता दिखाया।उसी रास्ते पर चलते हुए संशय में घिरा वो भारत आज दुनिया से अपनी शर्तों पर संवाद कर रहा है, दुनिया की बड़ी आर्थिक और सामरिक शक्ति बनने की तरफ आगे बढ़ रहा है